लेखनी प्रतियोगिता -30-Nov-2021
कल देखा मैंने वो मंजर;
जब रास्ते से गुजर रहा था।
कोई खरीद के खुश हो रहा था,
तो कोई बेच के खुश हो रहा था।
वो, खेलने की उम्र में खिलौने बेच रहा था।
असल में वो खिलौने नही अपना बचपन बेच रहा था,
गरीब का बच्चा था; दर्द के साथ खेल खेल रहा था।
Sneh lata pandey
30-Nov-2021 07:17 PM
बेहद भावपूर्ण
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surendra@4004
30-Nov-2021 07:30 PM
Tysm
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Swati chourasia
30-Nov-2021 05:48 PM
Nice
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surendra@4004
30-Nov-2021 07:30 PM
Thank you so much 💚
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